50 उद्यमियों ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखा- वायरस भेद नहीं करता, देश के प्रमुख शहरों में लॉकडाउन की जरूरत

कोरोनावायरस संक्रमण के खतरे को देखते हुए उद्योगपतियों और स्टार्ट-अप्स कंपनियों के एक समूह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि वे वायरस से निपटने के लिए इस हफ्ते प्रमुख शहरों में लॉकडाउन करें। इस अपील में कहा गया- वायरस राष्ट्रीयता के आधार पर भेदभाव नहीं करता। शुरुआत में ही ठोस और आक्रामक कार्रवाई महत्वपूर्ण है। देश के प्रमुख शहरों में 20 मार्च से दो हफ्तों के लिए धारा 144 लागू कर सख्त लॉकडाउन किया जाना चाहिए।


अर्बन कंपनी के को-फाउंडर अभिराज सिंह भाल ने मंगलवार शाम एक पावर पॉइंट प्रजेंटेशन ट्वीट किया। इसमें कहा गया कि जिन देशों (दक्षिण कोरिया, सिंगापुर और जापान) ने कोरोनावायरस से निपटने के लिए जल्दी और दृढ़ता से काम किया, उन्होंने इस पर जल्दी काबू पा लिया। जबकि जिन्होंने (ईरान, इटली और संयुक्त राज्य अमेरिका) इंतजार किया, वहां इसका प्रकोप ज्यादा देखने को मिला।


अभी रोकथाम से 5 गुना मौतें रोकी जा सकती हैं


प्रजेंटेशन में कहा गया है कि महामारी से बचाव के लिए रोकथाम के प्रयासों को जारी रखना चाहिए। इससे 30 दिनों के बाद पांच गुना मौतों को कम किया जा सकता है। इससे करीब दस हजार लोगों की जान बच सकती है। 10-स्लाइड में बनाए गए इस प्रजेंटेशन को 50 से ज्यादा उद्यमियों ने तैयार किया है। इसमें स्नैपडील के कुणाल बहल, रेड बस के फणींद्र सामा और मैपमाइइंडिया के रोहन वेरजमा शामिल हैं।


प्रजेंटेशन में यह भी कहा गया है कि भारत ने इससे निपटने के लिए अच्छी शुरुआत की है। सरकार मॉल और थिएटर जैसी सार्वजनिक जगहों को बंद कर रही है। लोगों को भीड़ जुटाने से रोका जा रहा है। साथ ही कर्मचारियों को घर से ही काम करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।


भारतीय अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ने की आशंका


लॉकडाउन की सिफारिश के साथ यह भी कहा गया है कि सरकार को भोजन, दवाइयों और दूसरी जरूरी चीजों की आपूर्ति सुनिश्चित करनी चाहिए। साथ ही, सार्वजनिक परिवहन जैसी सेवाओं की उपलब्धता पर भी ध्यान देना चाहिए। इस बीमारी के बड़े स्तर पर फैलने से भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी बुरा असर पड़ सकता है। पिछले दो हफ्ते में वैश्विक बाजारों को भी बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा है।


भारत में कोरोनावयरस दूसरे स्टेज पर


भारत में कोरोनावायरस चार में से दूसरे स्टेज पर है। इसका अर्थ है कि संक्रमित व्यक्तियों (जो विदेश से यहां आए हैं) से इसका प्रसार स्थानीय लोगों में होगा। सरकार इस तरह से होने वाले संक्रमण को रोकने के लिए अन्य देशों के साथ बॉर्डर बंद कर रही है।